माँ की याद आती है। एक कविता
माँ की याद आती है
ये दुनिया जब भी अपनी माँ के
किस्से सुनाती है...!
तो मुझको अपनी माँ की याद आती है...!!
मुश्किलों मे माँ जब भी होती थी।
मुझे हसाकर, खुद कोने मे रोती थी...!
वो माँ ही होती थी जो कोने मे रोती थी ...!!
बारिश के मौसम मे, जब बारिश सी होती थी...!
मुझे सुखे मे सुलाकर माँ, खुद गीले मे सोती थी...!!
वो माँ ही होती थी जो गीले मे सोती थी...!
घर मे रोटी हमारे जब कम सी होती थी...!
मुझे रोटी खिलाकर, माँ खुद भूखी सोती थी...!!
वो माँ ही होती थी जो भूखी सोती थी...!!
ये दुनिया जब भी अपनी माँ के किस्से सुनाती है!
तो मुझको अपनी माँ की याद आती है...!!

Awesome bro
ReplyDeleteGreat My dear brother ..
ReplyDeleteIt's a great thing to show your feelings through your poetry ...
I Love You MUMMA😘😘😘🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDelete😘😘😘😘
DeleteRulayega kya pagle
ReplyDeleteShayad aisa hi soch lo
DeleteBhai kya khoob likha hai tune
ReplyDeleteThanks
DeleteThank
ReplyDeleteKya khoob likha hai
ReplyDeleteThanks
Deletewahh bhaii
ReplyDeleteThanks
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