Shayari
Shayari
शायरी लिखना कोई खेल नहीं ग़ालिब ...
हजारों बातों का मलाल रहता है एक
छोटे से दिल मे ...।।
Sunny.
June 13th, 2020
रेख़्ता
ज़ुबाँ-ऐ-रेख़्ता लिखता ये कहाँ मेरे बस में था . . .
ज़ुबाँ-ऐ-रेख़्ता बोल लेता हूँ ग़ालिब को देख कर . . .
Sunny.
Jun 17th , 2020
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