तुझे ढूंढ़ता हूं...(माँ)
__तुझे ढूंढता हूं__
तू इस दुनिया में नही अब,
इसलिए तेरे निशा ढूंढता हूं!
अब कहां मिलेगी तू मुझे,
इसलिए तो तुझसे मिलाने वाली
वो दिशा ढूंढता हूं...!!
वैसे तो समुंदर की लहरें किनारे ढूंढता हूं!
और मैं उस किनारे पर खड़ा तुझे ढूंढता हूं!!
ज़रूर की होगी कोई गलती मैंने,
जो तू दूर हुई मुझसे…!
इसलिए तो दूर होने की वजह ढूंढता हूं !!
इस दुनिया मे लोग हमसफ़र ढूंढते है!
और मैं हमसफ़र की भीड़ में खड़ा तुझे ढूंढता हूं!!
इस दुनिया के लोग भी अजीब है
ज़र्रे ज़र्रे मे ख़ुदा ढूंढते हैं ...!
ज़रूर की होगी कोई गलती मैंने,
जो तू दूर हुई मुझसे…!
इसलिए तो दूर होने की वजह ढूंढता हूं !!
इस दुनिया मे लोग हमसफ़र ढूंढते है!
और मैं हमसफ़र की भीड़ में खड़ा तुझे ढूंढता हूं!!
इस दुनिया के लोग भी अजीब है
ज़र्रे ज़र्रे मे ख़ुदा ढूंढते हैं ...!

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