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Showing posts from March, 2020

पंछी

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                                    __ पंछी__ Part-1 आज शाख पर बैठा पंछी नजर नही आता । जिसे अक्सर हम अपनी बालकनी से देखा करते थे...।। जो हर रोज़ सुनाया करता था अपने लफ्सो की चहक, और हर रोज़ हम भी सुना करते थे। उड़े होश तब मेरे जब पड़ोस मे उसका हाल जाना - जिस शाख पे बैठ करता था... जिस शाख पे गाया करता था... अपनों ने उसको यू मरा, वो जब भी गया करता था... बस तुझे बुलाया करता था... एक गीत वो गया करता था...  बस तुझे बुलाया करता था...।। Part-2 एक दिन पंछी के दोस्त ने पंछी से पूछ ही लिया… तू किसे बुलाया करता है…? और क्यों तू गाया करता है…? मैं उसे बुलाया करता हूं… जो यही पास मे रहती है… जो कभी-कभी ये कहती है… तुम दिल के कितने सच्चे हो…! तुम कितने अच्छे लगते हो…! [पंछी के दोस्त ने ये बात लड़की के घर पर बता दी-] अगले दिन जब वो आए… पंछी को फिर खूब समझाया… पागल पंछी समझ ना पाया… पंछी के सीने पर जब लगी गोली… खिल गई फिर खून की होली… क्या ख़त्म हुई ये प्रेम कहन...

तुझे ढूंढ़ता हूं...(माँ)

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                              __तुझे ढूंढता हू‌ं__ तू इस दुनिया में नही अब, इसलिए तेरे निशा ढूंढता हूं! अब कहां मिलेगी तू मुझे, इसलिए तो तुझसे मिलाने वाली वो दिशा ढूंढता हूं...!!   वैसे तो समुंदर की लहरें किनारे ढूंढता हूं!                                              और मैं उस किनारे पर खड़ा तुझे ढूंढता हूं!! ज़रूर की होगी कोई गलती मैंने, जो तू दूर हुई मुझसे…! इसलिए तो दूर होने की वजह ढूंढता हूं !! इस दुनिया मे लोग हमसफ़र ढूंढते है! और मैं हमसफ़र की भीड़ में खड़ा तुझे ढूंढता हूं!! इस दुनिया के लोग भी अजीब है ज़र्रे ज़र्रे मे ख़ुदा ढूंढते हैं ...! और मे ख़ुदा मे तुझे ढूंढता हूं...!! माँ मैं तुझे ढूंढता हूं…!!               __sunny.                       July 24th, 2018   ...

ये दर्द नही

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                      __ये दर्द नही__ ये दर्द नही समुंदर का एक ख़ज़ाना है । हमे अपने दर्द को छुपा कर, इसमें खुशियों को पाना है...।। चले  कुछ यू हम ऐसे की... चले कुछ यू हम ऐसे की... सारी दुनिया को अपने कदमों में झुकाना है... जहन्नम में दम घुट रहा है हमारा हमें अब जन्नत के उस पार जाना है...।। ये दर्द नही समुंदर का एक ख़ज़ाना है। उदास हम रहे, हम पर हसता ये ज़माना है, और कभी हसते है तो,जलता ये ज़माना है। अब जमाने को चुप करके दिखाना है।। अगर कोई साथ ना दे  हमारा तो अकेले चल कर मंज़िल को पाना है। आगे बढ़ कर सब भूल गए हमको, पर हमे किसी को ना भूलाना है ।। कश्ती मे चलने वालों तुम्हें तूफ़ा मे एक दिन डूब जाना है। और हमे तैर कर किनारे पर जाना है...।। ये दर्द नही समुंदर का एक ख़ज़ाना है। हमे अपने दर्द को छिपा कर, इसमें खुशियों को पाना है...।।                                     __sunny.     ...