कोई ज़रूरत नही। एक कविता ।
कोई ज़रूरत नही
कोई ज़रूरत नही
उनके और पास जाने की ...!
कोई ज़रूरत नही
उनसे नजदीकियां बढ़ाने की...!!
रास्तों से महोब्बत हो गई उनको
कोई ज़रूरत नही
उनको मंज़िल तक पहुंचाने की ...!!
कोई ज़रूरत नही
बेइंतेहा उनको चाहने की ...!
कोई ज़रूरत नही
उनसे नज़रे मिलाने की ...!!
हमारी गलियों मे दिल तोड़ा था उसने
कोई ज़रूरत नही
उनकी गलियों मे जाने की...!!
कोई ज़रूरत नही
तू सही है अगर , सबको सच बताने की ...!!
सब कुछ ठीक हो जाएगा , फिर
कोई ज़रूरत नही
उनको गवाहियां देकर सर झुकने की...!!
ख़ुद को खुश रखना , सीख ले ऐ-गालिब
कोई ज़रूरत नही
खुदा को खुश कर , खुशियां लुटाने की ...!!
___sunny___
November , 27th 2019

Gjbbb
ReplyDeleteआपका शुक्रिया ♥️♥️🙂🙂🙏🙏
Deletemast
ReplyDeleteApka shukriya 🙏🙏♥️♥️🙂🙂
DeleteGajab Ek dam
ReplyDeleteShukriya 🙏🙏♥️♥️🙂🙂
DeleteGreat my bro 😘
ReplyDeleteShukriya 🙏🙏♥️♥️🙂🙂
DeleteGood sunny
ReplyDeleteShukriya 🙏🙏♥️♥️🙂🙂
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